देहरादून: सोमवार को सुबह दस बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही पूरी हो गई। जिसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे टीम में शामिल सोहनलाल आर्य ने बताया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहीं कुछ भी मिलने के दावों से इनकार किया है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सुबह दस बजे तक एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की गई। जिसके साथ तीन दिन का ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का कार्य पूरा हो गया। इस दौरान सर्वे में शामिल सभी सदस्य ज्ञानवापी परिसर से वापस लौट गए। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान वादी पक्ष के सोहनलाल आर्य ने बताया कि ‘नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए’। इतिहास कालखंड में जो भी लिखा था वह मिल गया है। जिसकी जनता को प्रतीक्षा थी आखिरकार वह बाबा अब मिल गए हैं। कबीर दास के दोहे का उदाहरण देते हुए सोहनलाल आर्य ने कहा कि जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ’। इस बात पर उनसे इसका अर्थ बताने को कहा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि नंदी जिसका इंतजार कर रहे थे वह बाबा मिल गए हैं। बताते चलें कि पहले दिन की कार्यवाही के बाद ही सोहनलाल आर्य ने विक्ट्री साइन बनाकर हिंदू मंदिर होने के साक्ष्यों को लेकर आशा जताई थी। अब आखिरी दिन सोमवार को हुई कार्यवाही के बाद उन्होंने नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की ओर होने की वजहों को लेकर बाबा विश्वनाथ के मिल जाने की जानकारी दी। हालांकि, इससे अधिक उन्होंने मामला अदालत में होने की वजह से जानकारी देने से मना कर दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जो भी सोचा या माना गया था उसकी उम्मीद से कहीं अधिक परिणाम इस सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष को हासिल हुए हैं। सर्वे के अंतिम दिन को बहुत बड़ा दिन बताते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष के लिए भी आज का दिन बहुत बड़ा है। बताते चलें कि सोहनलाल आर्य उन 52 लोगों की टीम में शामिल हैं जो एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही ज्ञानवापी मस्जिद में कर रही थी। ‘जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ’ का उदाहरण देते हुए उन्होंने इशारों-इशारों में उन्होंने तीन दिनों की एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही को उजागर किया है। बताते चलें कि वाराणसी में महमूरगंज निवासी लक्ष्मी देवी (श्रृंगार गौरी मामले की याचिकाकर्ता) के पति सोहनलाल आर्य इस मामले में अदालत की ओर से सर्वे की 52 लोगों की टीम में शामिल किए गए थे।