देहरादून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली महोत्सव व ऊर्जा महोत्सव के अवसर पर पारेषण एवं वितरण केंद्रों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 2,723.20 करोड़ रुपये की लागत से 17 पारेषण एवं वितरण उपकेन्द्रों का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्ज्वल भारत के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए बिजली महोत्सव व ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। जिन जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर परियोजना पूरी हुई है उन्हें बधाई। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है उनका समय पर कार्य पूर्ण होगा।
योगी ने कहा कि 1.21 लाख गांव में आजादी के बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई थी। हमने हर घर बिजली के लक्ष्य को पूरा किया है। अब प्रदेश का हर जिला और गांव वीआईपी होगा। पहले चार जिलों में बिजली मिलती थी। अब सभी जगह रोस्टर के अनुसार बिजली दे रहें है। अगले पांच साल में अपनी बिलिंग और कनेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाना विभाग के लिए चुनौती है। हमें विद्युत की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनना है। पावर कारपोरेशन बिना भेदभाव के बिजली उपलब्ध कराएगा।
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि पिछले छह दिन से ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। आज महोत्सव के समापन का दिन है। विकास में ऊर्जा बड़ा कारक रही है। देश में पानी, बिजली और सड़क राजनीतिक मुद्दा बनता है। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ऊर्जा का विकास, बिजली की निर्बाध आपूर्ति आवश्यक है। पहले देश बिजली की कमी के लिए जाना जाता था और 5 से 10 प्रतिशत की कमी बनी रहती थी। अब हम पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहे हैं। सौभाग्य योजना के तहत यूपी को 1.43 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं।
बिजली महोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।