देहरादून। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ संजय जैन ने अवगत कराया है कि डेंगू चिकनगुनिया बुखार मादा एडीज इंजिप्टलाईन मच्छर के काटने से फैलता है। उन्होंने डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि अचानक तेज सिर दर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरना डेंगू के लक्षण है।
बताया कि ‘डेंगू, चिकिनगुनिया की रोकथाम, सबकी जिम्मेदारी, सबकी भागीदारी’ है। जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। डेंगू, चिकनगुनिया से बचने हेतु अपने घर में या आसपास जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी बर्तन, फ्रिज की टेª, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन टायर, डिस्पोजल बर्तन, गिलास, इत्यादि में पनी जमा न होने दें तथा सफराई रखें। पानी से भरे हुए बर्तनों व टकियांे आदि को ढक कर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लाए। डेंगू मच्छर दिन के समय काटता है ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह ढकें। मच्छर रोधी क्रीम, क्वाईल, रिपेलेन्ट आदि का यथासंभव उपयोग करें। डेंगू, चिकनगुनिया के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामोल ले सकते है एस्प्रीन या बुबे्रफेन का इस्तेमाल अपने आप न करें। डाॅक्टर की सलाह लें। डेंगू, चिकनगुनिया के हर रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती। डेंगू के लक्षण कुछ इस प्रकार है कि अचानक तेज सिर दर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है। जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर वकते उभरना डेंगू के लक्षण है।