देहरादून। विदेश भेजकर साइबर फ्राड कराने वालों के विरुद्ध एसएसपी के निर्देश पर थाना रायवाला में मुक़दमा दर्ज किया गया है। युवकों को नौकरी के नाम पर विदेश ले जाकर बंधक बनाये जाने की घटना का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया संज्ञान लिया था और उन्होंने इस मामले में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये थे। गुजरात निवासी एजेंट द्वारा पीड़ित और 7 अन्य लोगों को आईटी सेक्टर में काम कराने के बहाने से बैंकॉक ले गए थे।
एजेंट व उसके साथियों द्वारा बैंकॉक से युवकों को अगवा कर बॉर्डर पार कराकर उत्तराखण्ड व अन्य प्रदेश के भारतीय युवको को म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड कराये जाने के प्रकरण को एसएसपी अजय सिंह द्वारा गंभीरता से लेते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय, आसूचना ब्यूरो सहित अन्य मुख्य ऐजेन्सियांे से सम्पर्क कर युवकों को छुड़ाये जाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जा रहे थे। रायवाला के एक युवक को उसके अन्य भारतीय साथियों के साथ विदेश (बैंकॉक) में नौकरी दिलाने के नाम पर उनको म्यांमार में किसी अज्ञात स्थान पर बंधक बनाने व उत्तराखण्ड के अन्य लोगांे को भी बंधक बनाये जाने का प्रकरण सज्ञांन में आया है, जिसमें त्वरित कार्यवाही करते हुए थाना रायवाला में अभियोग पंजीकृत कराया गया है। एसएसपी ने कहा कि उक्त प्रकरण में विदेश मंत्रालय भारत सरकार ,आसूचना ब्यूरो तथा अन्य सम्बन्धित एजेन्सियांे से लगातार समन्वय स्थापित करते हुए युवकों की वापसी के लिये हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 5 जून को जिया गौतम पुत्री सीताराम गौतम, निवासी इन्द्रा कालोनी, प्रतीत नगर रायवाला द्वारा पुलिस कार्यालय देहरादून में आकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून से मुलाकात कर एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि उनका भाई विधान गौतम, जो आई0टी0 सेक्टर में काम करने हेतु माह मार्च 2024 मे दुबई गया था तथा वहाँ से अपने 07 अन्य भारतीय साथियों के साथ माह मई 2024 में घर वापस आ गया था। माह मई 24 में गुजरात निवासी एजेंट जय जोशी द्वारा उनके भाई विधान गौतम को वीडियो कॉल किया तथा उनके भाई व उसके 07 साथियों को थाइलैण्ड मे बडी आई0टी0 कंपनी में जॉब दिलाने व अच्छी सैलरी दिये जाने की बात कह कर वीडियो कॉल के माध्यम से सभी का स्क्रीनिंग टेस्ट लिया गया तथा सभी को बताया की उनका सलेक्शन बैंकॉक की आई0टी0 कम्पनी में हो गया है और बताया कि इंडिया से बैंकॉक, थाइलैण्ड जाने का सारा खर्चा व सुविधाएं कंपनी देगी तथा 21 मई 2024 को एजेंट जय जोशी उनके भाई विधान और 07 अन्य साथियों को दिल्ली से लेकर बैंकाक, थाईलैंड पहुंचा। उसके उपरान्त उनका अपने भाई विधान से सम्पर्क नहीं हो पाया, जिसपर उन्होंने जय जोशी से संपर्क किया, तो जय जोशी द्वारा उन्हें गुमराह कर बताया की विधान को अच्छी जॉब मिली है, और वह ज्यादा व्यस्त होने के कारण बात नहीं कर पा रहा है, उसके बाद जय जोशी से उनकी कोई बात नहीं हो पाई। कुछ समय बाद शिकायतकर्ता के पिता के व्हाट्सएप नंबर पर विधान गौतम का व्हाट्सएप कॉल आया और उसने बताया की जय जोशी ने हमारे साथ धोखाधड़ी की है, तथा विधान और उसके 07 साथियों को बैंकाक एयरपोर्ट से एजेंट के साथियों द्वारा बंदूक दिखाकर उन सभी को अगवा कर वहाँ से म्यांमार बार्डर क्रॉस कराया गया, जहां उन्हे बधंक बनाया गया है, वहां पर लगभग 70 भारतीय युवकों सहित अन्य देशों के कुल करीब 200 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया है, जिनमे से 10 युवक उत्तराखंड से है तथा उनके द्वारा हमे प्रताड़ना देते हुए हमसे साइबर फ्राड का काम करवाया जा रहा है तथा जो इनकी बात नहीं मानता, उसे इनके द्वारा मार दिया जाता है। यदि हमें इनके कब्जे से जल्द नहीं छुड़ाया गया तो यह लोग हमें भी मार देंगे। प्रकरण में वादिनी जिया गौतम द्वारा थाना रायवाला में दी गई तहरीर के आधार पर विभिन्न धाराओं मेें अभियोग पंजीकृत किया गया। साथ ही एसएसपी देहरादून के निर्देशानुसार घटना के संबंध में विदेश मंत्रालय भारत सरकार, आसूचना ब्यूरो तथा अन्य ऐजेन्सियों से उक्त प्रकरण में कार्यवाही किए जाने हेतु लगातार समन्वय स्थापित करते हुए युवकों की वापसी के प्रयास किये जा रहे हैं।