नीरज कोहली।
देहरादून। रजिस्ट्रार कार्यालय में चाय बागान की जमीनों से संबंधित दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों के जमीन घोटाले में एसआईटी ने वकील इमरान व अजय क्षेत्री को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभियुक्त इमरान अहमद को नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। जबकि
रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइडिंग का कार्य करने वाले अजय क्षेत्री को बल्लूपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया ।इस सनसनीखेज मामले के मास्टरमाइंड को लेकर भी चर्चाओं का दौर जारी है। जो पर्दे के पीछे से सारा खेल कर रहा था। पुलिस इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड सहित जमीनी फर्जीवाड़े से जुड़े कुछ और सफेदपोशों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।। उल्लेखनीय हैं कि वादी संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाबत अज्ञात अभियुक्तगणों की मिली भगत से धोखाधडी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम/द्दितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमश ( विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं0 3193 विलेख सं0 3192, विलेख सं0 545 वर्ष 1969, विलेख सं010802/10803) के साथ छेडछाड कर अभिलेखों की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून पर मु0अ0स0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/471 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया गया। पुलिस उमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा उपरोक्त प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एस0आई0टी0 टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 30 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की तथा पूछताछ में कुछ प्रोप्रटी डीलर के नाम प्रकाश में आये जिनसे गहन पूछताछ में उक्त फर्जीवाडे में कई लोगों के नाम प्रकाश में आये गठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ों रूपयो का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगों द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।
पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश मे आये अभियुक्तगणों के सम्भावित ठिकानों पर गठित टीम द्वारा बराबर दबिश दी जा रही है एसआईटी टीम द्वारा रात दिन कडी मेहनत व अथक प्रयासों से मुखबिरों की सहायता से 12 अगस्त को अभि सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द को गिरफ्तार किया जा चुका है जो वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है। इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आये थे जिनकी जिनकी तलाश में गठित टीम द्वारा लगातार दबिशें, पतारसी सुरागरसी की जा रही है।
इसी क्रम में फरार चल रहे अभियुक्त इमरान अहमद को नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। अभियुक्त की पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त इमरान का अन्य सहयोगियों के माध्यम से सहारनपुर निवासी के0पी0 (कुंवर पाल ) से हुआ था तथा इनके द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अजय क्षेत्री के साथ मिलकर ऐसी जमीने जो कई वर्षों से विवादित हो और खाली पड़ी हो उन जमीनो के कागजात जिल्द फाइलो से निकालकर के0पी0 को दिये जाते थे तथा के०पी० द्वारा अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर उन कागजातों की फर्जी रजिस्ट्रियां बनाकर कर पुनः उनकी प्रतियां उन्ही जिल्द फाइलों में अजय क्षेत्री के माध्यम से लगवा दिये जाते थे
अभियुक्त इमरान के बयानों के आधार पर रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइडिंग का कार्य करने वाले अजय क्षेत्री को भी बल्लूपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्त द्वारा अपने अपराध को स्वीकार करते हुये बताया गया कि वह के0पी0 के सम्पर्क में काफी समय से था और के0पी0 द्वारा लालच दिये जाने एवं उनकी आर्थिक मदद करने के कारण उसके द्वारा रिकॉर्ड रूम से पुराने वर्षों की जिल्द फाइलों से कागज निकालकर के0पी0 को दिये जाते थे और के0पी0 द्वारा उन कागजों के बदले दूसरे कागज तैयार कर पुनः उसे दिये जाते थे तथा अजय क्षेत्री द्वारा उन कूटरचित कागजातों को जिल्द फाइलो में उसी क्रम में चिपका दिया जाता था इसके बाद के0पी0 इनरान व उसके अन्य सहयोगियों द्वारा सम्बन्धित भूमि पर कब्जा करते हुये उनकी रजिस्ट्रियां विभिन्न प्रॉपर्टी डीलरों के माध्यम से बेच दी जाती थी जिसका प्रॉफिट सभी अभियुक्त गण के द्वारा तय प्रतिशत द्वारा आपस में बांट लिया जाता था। दौराने पूछताछ के0पी0 के अलावा अन्य कई अभियुक्तों का इस अपराध में शामिल होना प्रकाश में आया है जिनकी तलाश की जा रही है साथ ही विवेचना में रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त अन्य कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
अभियुक्तों में इमरान अहमद पुत्र स्व0 तोहित अमहद नि0 226/2 आकाशदीप कालोनी बल्लूपुर रोड़ थाना कैण्ट देहरादून उम्र 34 वर्ष व अभियुक्त अजय सिंह क्षेत्री पुत्र स्व0 देवानन्द क्षेत्री नि0 21 गांधी नगर बल्लूपुर रोड़ थाना गढीकैन्ट देहरादून उम्र 50 वर्ष शामिल हैं।
अभियुक्तगणों की पूछताछ में प्रकाश में आये तथ्य अब तक की विवेचना से एवं गिरफ्तारशुदा अभिगणों के बयानों तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर यह बात प्रकाश में आयी कि रजिस्ट्रार ऑफिस में नियुक्त बाइन्डर अजय क्षेत्री ने लालच में आकर वर्ष 1984-85 व वर्ष 1980 की जिल्द फाइलो में से ऐसे कागजात जो लोन, लीज, तितम्बा, किरायेनामा आदि से सम्बन्धित हो उन कागजातों को फाइलों से निकालकर अभियुक्त के0पी0 को दिया जिसके पश्चात अभियुक्त गणों ने रिंग रोड, रानी पोखरी, नवादा आदि जमीनो के भूस्वामियों के नाम से अपने आदमियो के नाम की फर्जी रजिस्ट्रियां करना दिखाते हुये उन कागजो को वापस अजय क्षेत्री के माध्यम से पुनः उसी क्रम में उसी वर्ष की जिल्द फाइलो में चिपका दिया जाता था। इसके पश्चात अभि0गण रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रमाणित प्रति प्राप्त कर उन जमींनो की दाखिल खारिज करवाकर प्रॉपर्टी डीलरो के माध्यम से जमीने बेचा करते थे अभिगणों ने इन कूटरचित रजिस्ट्रियों के माध्यम से जमीने बेचकर लगभग 15 करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया जिसका बंटवारा अभिगणों एवं अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों ने आपस में तय किये प्रतिशत अनुसार बांट लिये तथा के०पी० द्वारा बाइन्डर अजय क्षेत्री को भी उपरोक्त काम के एवज में करीब 45 लाख का 166 गज का एक प्लॉट रिंग रोड पर रजिस्ट्री कर दिया गया साथ ही लगभग 10-15 लाख रूपये की आर्थिक मदद विभिन्न तरीके से की गई। अभियुक्त अजय क्षेत्री के कब्जे से अभि0 के0पी0 व संतोष अग्रवाल व अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों द्वारा रिंग रोड पर खसरा नं0 1584 रकबा 166 गज भूमि प्लॉट की रजिस्ट्री व अभियुक्त अजय क्षेत्री के बैंक अकाउण्ट की पासबुक, जिसमें लाखों रूपये की एन्ट्री है, को बरामद किया गया।