हरिद्वार। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पटवारी-लेखपाल भर्ती का रिजल्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही पहले इस परीक्षा में पेपर लीक करने के 44 आरोपियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। ईद की वजह से 23 अप्रैल को होने वाली सहायक लेखाकार परीक्षा स्थगित कर दी है जो कि सात मई को होगी। बृहस्पतिवार को आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि 12 फरवरी को आयोजित पटवारी-लेखपाल परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया। कुल रिक्त पदों के सापेक्ष लगभग तीन गुना अभ्यर्थियों की अभिलेख सत्यापन एवं शारीरिक मापदंड एवं दक्षता परीक्षा के लिए चुना गया है।
इसके बाद अंतिम चरण परिणाम जारी किया जाएगा। रिजल्ट आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। अभिलेख सत्यापन और शारीरिक मापदंड और दक्षता परीक्षा का तिथिवार कार्यक्रम आयोग अलग से जारी करेगा। 23 अप्रैल को सहायक लेखाकार परीक्षा का आयोजन होना था लेकिन इस दिन ईद का त्योहार होने की प्रबल संभावना है। अभ्यर्थियों के हित में अब यह परीक्षा को सात मई को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बाकी परीक्षाएं पूर्व निर्धारित तिथियों पर ही होंगी। आयोग नौ अप्रैल को प्रदेश में 624 केंद्रों पर फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा कराएगा, जिसमें 2,06,431 परीक्षार्थी शामिल होंगे। सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) प्रारम्भिक परीक्षा 19 अप्रैल और उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 30 अप्रैल को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की जाएंगी।
आयोग ने पटवारी-लेखपाल परीक्षा में नकल करने वाले 44 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। बैठक में अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदनों पर विचार किया गया। संतोषजनक स्पष्टीकरण न होने के चलते आयोग ने सभी 44 अभ्यर्थियों को आयोग की आगामी परीक्षाओं से 05 वर्ष के लिए प्रतिवारित (डिबार) करने का निर्णय लिया है। इससे पहले उत्तराखंड जेई परीक्षा में नकल करने वाले 61 अभ्यर्थियों पर आयोग पांच साल का प्रतिबंध लगा चुका है। 105 अभ्यर्थी अगले 05 वर्षों तक आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। पुलिस विभाग हरिद्वार से 09 अभ्यर्थियों के नकल करने की पुष्टि हुई है। इन सभी अभ्यर्थियों को आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद आयोग इन अभ्यर्थियों पर भी परीक्षाओं से डिबार करने की कार्रवाई करेगा। आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने अभ्यर्थियों को भावी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए आश्वस्त किया कि आयोग उनके हितों को सदैव प्राथमिकता देता रहेगा। परीक्षा की शुचिता को अक्षुण्ण रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी किसी भी प्रकार के भ्रामक, नकारात्मक सोच से विरत होकर पूरे मनोयोग से आगामी परीक्षाओं की तैयारी करें।