देहरादून। आज के युग में जहां पति पत्नी के रिश्ते शर्मसार हो रहे हैं,मान मर्यादा तार तार हो रही है, कोई पति को नीले ड्रम में दफना रही हैं ,कोई पत्नी को प्रेमिका के साथ मौत के घाट उतार रहे हैं, कोई दामाद सास के साथ भाग रहे हैं, कोई पति को सांप से डंसवा रही हैं वहीं इस कलयुग में जनपद रूद्रप्रयाग के चोपता दुर्गाधार निवासी हेमवंती, और उत्तम भंडारी की प्रेम व समर्पण की कहानी अपने में अनूठी है।इन दोनों के जीवन पर आधारित सत्य कहानी को फिल्म का रूप दिया गया है। फिल्म का निर्माण जनपद रूद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक स्थित बजीरा गांव निवासी युवा सचिन रावत द्वारा स्थापित उत्तराखंडी कलाकार यू के 13 की टीम द्वारा किया गया। 24 अप्रैल शुक्रवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में इस फिल्म हेमवंती का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रियर एडमिरल ओमप्रकाश सिंह राणा, समाजसेवी शिक्षाविद रघुवीर सिंह बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती, फिल्म निर्माता निर्देशक गोपाल थापा, योगेन्द्र बाजपेई ,पवन बुटोला ने फिल्म के पोस्टर का अनावरण किया। कार्यक्रम में फिल्म का प्रोमो भी दिखाया गया। हेमवंती और उत्तम सिंह भंडारी के जीवन संघर्ष पर बनी फिल्म को देखकर उपस्थित अतिथि एवं जनमानस भावुक हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रियर एडमिरल ओमप्रकाश सिंह राणा ने हेमवंती की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी। राणा ने कहा कि हेमवंती और उत्तम की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि अत्यंत अभावों में पले बढ़े हमारे पहाड़ के दूरस्थ गांव के होनहार युवा सचिन रावत द्वारा बहुत ही सीमित संसाधनों में फिल्म निर्माण का कार्य कई वर्षों से किया जा रहा है जिससे क्षेत्र के अनेक युवाओं को अभिनय कर अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिल रहा है।सचिन सच्चे अर्थों में बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि समाजसेवी शिक्षाविद रघुवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि सचिन रावत ने जो कार्य किया वह काबिले तारीफ है, सचिन द्वारा गांव में रहकर वह कार्य किया जा रहा है जो अत्यंत कठिन है वास्तव में सच्चा पहाड़ प्रेम यही है। बिष्ट ने कहा कि उत्तम सिंह भंडारी जो वास्तव में हीरो हैं हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने एक महीने की अपनी राज्य आंदोलनकारी की पेंशन सचिन की टीम और हेमवंती को देने की घोषणा की। फिल्म निर्माता गोपाल थापा ने फिल्म को बड़े परदे पर उतारने की बात कही है। फिल्म में मां का किरदार निभा रही कालीमठ निवासी विनीता राणा ने कहा कि फिल्म में कार्य करना उनके लिए भावुकता से पूर्ण था ऐसा महसूस हो रहा था कि हेमवंती उनकी बेटी की कहानी हो इतनी दर्दभरी कहानी में अभिनय ने उनको कमजोर कर दिया था।पिता का अभिनय करने वाले रंगकर्मी लखपत सिंह राणा ने दूरभाष के माध्यम से बताया कि उनकी बेटी भी लगभग हेमवंती की उम्र की ही है शूटिंग के दौरान बेटी की बीमारी और उसके दर्द को महसूस करने की पीड़ा अत्यंत हृदय स्पर्शी रही। उत्तम भंडारी जिनके जीवन संघर्ष की कहानी पर यह फिल्म बनी है ने कहा कि हेमवती और उनकी मुलाकात एक शादी में हुई थी वहीं से उनकी प्रेम कहानी आगे बढ़ी और फिर शादी हुई लेकिन अचानक शादी के बाद हेमवंती को शुगर/डायबिटीज की बीमारी ने घेर लिया। दिल्ली ,मुंबई, चंडीगढ़ आदि स्थानों पर उपचार के लिए गए लेकिन हेमवंती ठीक नहीं हो पाई और उनको नौकरी छोड़कर घर आना पड़ा क्योंकि शुगर की वजह से हेमवंती की आंखों की रोशनी चली गई थी। उत्तम अपनी पत्नी की आंखों की रोशनी बनकर मजबूती से आज उनके साथ खड़े हैं भले ही हेमवंती आंखों से न देख पाती हो लेकिन घर का सारा काम करती हैं और उत्तम भंडारी हेमवती को पूरा सहयोग करते हैं।वहीं फिल्म के निमार्ता, निर्देशक व लेखक सचिन रावत ने कहा कि देहरादून में फिल्म का लोकार्पण करना हमारा सपना था और ये सपना, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी पवन बुटोला, दीपक कैन्तुरा आदि के सहयोग से संपन्न हुआ है। इस फिल्म से जो भी कमाई होगी उसको हेमवती के परिवार को दिया जाएगा। सचिन ने बताया कि इस फिल्म को बनाने में अनेकों लोगों का सहयोग रहा जिनमें से एक शिक्षाविद् प्रसिद्ध रंगकर्मी लखपत सिंह राणा भी हैं।उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया और ग्रामीण युवाओं के लिए बाजीरा गांव में एक स्टूडियो स्थापित करने की बात कही जिससे एक सामान्य कलाकार को भी उसका लाभ मिल सके।कार्यक्रम में रियर एडमिरल ओमप्रकाश राणा, रघुवीर सिंह बिष्ट, प्रदीप कुकरेती, गोपाल थापा, योगेंद्र वाजपेई, शक्ति वर्तवाल, पुष्कर नेगी, राजेश पोल खोल बहुगुणा, मनोज चौहान समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन युवा कवि पत्रकार दीपक कैंतुरा द्वारा किया गया।