देहरादून, नीरज कोहली। जिलाधिकारी सोनिका ने अवगत कराया है कि उत्तराखण्ड की पंचम विधान सभा के वर्ष 2023 के द्वितीय सत्र 05 सितम्बर से आरम्भ हो रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठनों तथा समुदायों द्वारा प्रदर्शन, धरना, अनशन एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों के कारण शान्ति व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना के दृष्टिगत जनपद देहरादून में विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु 05 सितम्बर 2023 से सत्र की समाप्ति तक दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू की गई है।
उक्त क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, लाठी, हाकी स्टिक, तलवार अथवा अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र जिसका फल ढाई इंच से अधिक न हो, बम और किसी अन्य प्रकार की बारूद वाले अस्त्र जिसका प्रयोग हिंसा के लिए किया जाता हो, लेकर नहीं चलेगा और न ही कोई हिंसा के प्रयोग हेतु ईंट, पत्थर रोड़ा आदि एकत्र ही करेगा साथ ही यह भी आदेश दिया जाता है कि कोई भी व्यक्ति अपने घर के आँगन के अतिरिक्त पटाखों एवं बारूद से बने किसी भी वस्तु का प्रयोग सड़क पर गली पर व चौराहे पर नहीं करेगा। शस्त्र अथवा लाठी लेकर चलने का प्रतिबन्ध ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों पर लागू नहीं होगा। उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर का प्रयोग सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाले उत्तेजक भाषण करना किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि को भी प्रतिबन्धित किया जाता है।
उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर चौराहे पर अथवा अन्य जगह पाँच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे तथा किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर ट्रॉलियों अथवा दोपहिये वाहनों तथा चौपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है किसी भी प्रकार के जुलूस/प्रदर्शन सार्वजनिक सभा का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति राजकीय सम्पत्ति को किसी प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्षति नहीं पहुँचायेगा। उक्त आदेश इस आशय से निर्गत किये जा रहे हैं कि शान्ति व्यवस्था अथवा आपसी सामंजस्य बनाये रखने हेतु कोई भी अवांछनीय तत्व कोई गैर जिम्मेदार हरकत न कर सके तथा जनपद में उक्त क्षेत्रात कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रह सके। उक्त आदेश 05 सितम्बर 2023 से विधान सभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेंगे यदि इससे पूर्व इनको अपास्त न कर दिया जाये। आदेश का उल्लंघन भा०दं०वि० की धारा 188 के अधीन दण्डनीय होगा। थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने स्तर से प्रचार-प्रचार सुनिश्चित करेंगे।