हरिद्वार, नीरज कोहली। श्रीराम लला अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर के गर्भगृह में जल्द विराजेंगे। जनवरी 2024 में मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के बीच भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। कार्यक्रम की रूपरेखा पर संतों से चर्चा करने और आमंत्रण लेकर पहुंचे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने जानकारी दी। धर्मनगरी में संतों को आमंत्रित करने पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय रविवार को श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज सहित अन्य वरिष्ठ संतों से वार्ता की। उन्होंने संतों से जनवरी 2024 में मकर संक्रांति से गणतंत्र दिवस 26 जनवरी तक किसी अन्य कार्यक्रम से स्वयं को मुक्त रखने और रामलला के भव्य आयोजन में शामिल होने की अपील की। महोत्सव में देशभर से सभी धर्म संप्रदाय के संत उपस्थित रहें, ऐसा आग्रह सभी से किया जा रहा है। उन्होंने संतों से आग्रह किया कि अयोध्या में होने वाले भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साक्षी बनें।
इस दौरान पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, विहिप केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, बजरंग दल प्रांत संयोजक अनुज वालिया आदि मौजूद रहे। पत्रकारों से बातचीत में चंपत राय ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भूतल पर लगभग 80 प्रतिशत सात लेंटर का कार्य पूर्ण हो चुका है। द्वितीय तल पर कार्य चल रहा है। भगवान श्रीराम जन्म स्थान गर्भ गृह बनकर तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा शेष कार्य चलता रहेगा।
संतगण प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हों इसके लिए उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाध रूप से दर्शन, पूजन चलता रहेगा। इसके साथ ही शेष निर्माण कार्य को भी पूरा किया जाएगा। किसी तरह का अवरोध न हो इसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है। अखाड़े में पहुंचने पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने मां मनसा देवी के आशीर्वाद स्वरूप चुनरी के साथ चंपत राय का स्वागत व सम्मान किया। श्रीमहंत ने कहा कि श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपतराय की देखरेख में भगवान राम के मंदिर का पूरा कार्य हो रहा है। संत महात्मा और सनातनियों को अयोध्या में जाना चाहिए। श्रीराम जन्मभूमि न्यास क्षेत्र में कराए गए कार्यों को देखना चाहिए। उनकी ओर से किए गए कार्य सराहनीय हैं। श्रीमहंत ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने मंदिर के निर्माण के लिए चंपत राय को नियुक्त किया जिसका उन्होंने बखूबी निर्वहन भी किया है। पूरा संत समाज, सनातन समाज उनके साथ है।