देहरादून। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षान्त समारोह 2024 विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में आयोजित किया गया। चतुर्थ दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में बने नवीन ऑडिटोरियम स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में किया गया। नवनिर्मित प्रेक्षागृह का उद्घाटन कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) एवं राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान चतुर्थ दीक्षांत समारोह में 19849 स्नातकध्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। 69 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया गया,तीनों संकाय विज्ञान, कला एवं वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को श्री देव सुमन गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया गया साथ ही राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने जो ज्ञान अर्जित किया है उसका उपयोग अंतिम पायदान पर खडे़ व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना से अपनी क्षमताओं और कुशलताओं का उपयोग भारत को विकसित राष्ट्र, सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र और विश्व गुरु भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपना योगदान दें। राज्यपाल ने कहा कि सभी गोल्ड मेडल विजेताओं, पोस्ट ग्रेजुएट एवं ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त करने वाले सभी स्टूडेंट्स को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सभी स्टूडेंट्स के पैरेंट्स, गार्जियन एवं टीचर्स भी विद्यार्थियों की सफलता के लिए हृदय से बधाई के पात्र हैं, क्योंकि टीचर्स के गाइडेंस और पेरेंट्स के त्याग एवं मेहनत से ही ये स्टूडेंट्स आज इस मुकाम पर पहुँच पाए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस यूनिवर्सिटी के आदर्श भी शहीद श्रीदेव सुमन हैं। मात्र 28 वर्ष के जीवनकाल में जननायक श्रीदेव सुमन जी ने जिन नागरिक अधिकारों, सामाजिक न्याय एवं स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु गांधीवादी तरीके से संघर्ष किया वह अभूतपूर्व एवं अविस्मरणीय है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज हमारी बेटियां सबसे आगे निकल गई हैं, जिन्होंने हर क्षेत्र में अपना स्थान बनाया है, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में अब क्रांति भी हमारी बेटियां ही लाएंगी,जिनकी कामयाबी से आज काफी हर्ष हो रहा है। इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद माता-पिता के साथ गुरुजन और दोस्त काफी खुश नजर आ रहे हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति आदिकाल से चली आ रही है, जिसे बनाए रखना प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत काफी बदलाव भी हुआ है जो की सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र की ओर ले जाएगा तभी भारत विश्व गुरु का स्थान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर भी संतोष जताया।
इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी कैंपस के लिए पहली बार भारत सरकार ने दिल खोलकर शिक्षा के लिए बजट दिया है, माध्यमिक शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये जबकि उच्च शिक्षा के लिए अब तक 120 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा के लिए अभी 200 से 300 करोड़ रुपए और मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों के प्रोत्साहन तथा शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भी योजनाएं शुरू की है उन्होंने कहा कि सरकार नैक पाने वाले महाविद्यालय को 5 लाख तक का पारितोषित प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि रिसर्च के लिए प्रत्येक छात्र का 5000 रुपए मासिक दिया जाएगा 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्रों को 3000 से 5000 रुपए तक मासिक भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के स्तर को गुणवत्ता प्रदान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में छात्रों को शत् प्रतिशत पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी महाविद्यालय में फर्नीचर, बिल्डिंग, लर्निंग कंप्यूटर आदि की पर्याप्त व्यवस्थाएं प्रदान की जाएंगी।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति एन के जोशी ने बताया कि ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन स्नातकोत्तर के तीन विषय इतिहास, मानव विज्ञान, चित्रकला में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कैप्टन शूरवीर सिंह पंवार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में नव-निर्मित विवेकानंद हॉल का उद्घाटन राज्यपाल एवं अतिथियों के द्वारा किया गया, जिसका निर्माण कार्य 6 माह में पूर्ण किया गया इसी हॉल में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाने एवं जवाबदेही तय करने के लिए श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा ई०आर०पी० पोर्टल तैयार कर समस्त कार्यों को डिजिटाइज किया गया। विश्वविद्यालय को अनुसंधान, परामर्श और सामुदायिक सेवाओं में उत्कृष्टता प्रदान कर राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने हेतु विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश में विभिन्न सेत एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये गये हैं, जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा, आपदा प्रबन्धन, संकाय विकास केन्द्र, अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, छात्र विश्वविद्यालय हित में प्रमुखता से कार्य कर रहे हैं, साथ ही इनोवेशन, इन्क्यूबेशन, स्टार्टअप एंटरप्रेन्योर प्रमोशन, कौशल विकास में उत्कृष्टता केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं। इस अवसर पर विधायक किशोर उपाध्याय, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, कार्यपरिषद एवं शैक्षिक परिषद के मा0 सदस्य गण, रूसा सलाहकार, महाविद्यालयोंध्सम्बद्ध संस्थानों के प्राचार्यगण, विश्वविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।