-एबीडीएम के तहत डिजिटल माध्यम से आपस में जुड़ेंगे हितधारक
देहरादून: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत प्रदेश में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया जायेगा। इसके तहत आभा आईडी धारकों, चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों सहित सभी सेवादाताओं को एक प्लेटफार्म पर लाया जायेगा। इसके लिये सूबे में डिजिटल हेल्थ केयर इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। अधिक से अधिक लोगों की आभा आईडी बन सके इसके लिये प्रदेशभर में 100 दिन का अभियान चला कर 50 लाख आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह बात सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह देहरादून में आयोजित डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की कार्याशाला में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत प्रदेश में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाया जा रहा है, इसके लिये सूबे में डिजिटल हेल्थ केयर इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। जिसमें आभा आईडी धारकों, चिकित्सालयों, एवं चिकित्सकों सहित सभी हितधारकों को आपस में जोड़ा जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 लाख से अधिक लोगों की आभा आईडी बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति की आभा आईडी बनाई जाय, ताकि सभी लोग डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। इसके लिये प्रथम चरण में प्रदेशभर में 100 दिन का विशेष अभियान चला कर 50 लाख लोगों की आभा आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के अंतर्गत सभी शिक्षण संस्थानों में संगोष्ठियां आयोजित की जायेगी साथ ही डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के लिये कैम्प भी लगाये जायेंगे।
कार्यशाला में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर सचिव स्वास्थ्य अरूणेन्द्र सिंह चौहान ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं एवं हेल्थ केयर इकोसिस्टम के फायदों को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि आष्युमान भारत डिजिटल मिशन के तहत प्रदेश के सभी लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई जानी है। सूबे के 11 हजार से अधिक सीएससी सेंटरों में निःशुल्क आभा आईडी बनाई जा सकती है। इसके अलावा क्यू आर कोड माध्यम से भी आभा आईडी बनाई जा सकती है। इससे आभा आइडीधारक को अस्पताल की लाइनों नहीं लगना पडेगा तथा अपने मेडिकल रिकॉर्ड को डिजिटल फार्म में सुरक्षित रख सकेंगे, जिसे कहीं भी किसी भी चिकित्सक को दिखा कर अपना उपचार करा सकते हैं। यही नहीं आभा आईडी के माध्यम से चिकित्सकों से ऑनलाइन अप्वाइमेंट लेने के साथ ही उपचार भी करा सकते हैं। श्री चौहान ने बताया कि राज्य में एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज तथा कोरोनेशन जिला चिकित्सालय में क्यूआर कोड के माध्यम से चिकित्सकीय सुविधा शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया अभी तक सूबे में 454 चिकित्सा इकाई एबीडीएम मे पंजीकृत हो चुकी है जबकि 1491 स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने भी अपना पंजीकरण करा दिया है।
कार्यशाला में नगर निगम ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगांई, यूसीएफ के अध्यक्ष मातवर सिंह रावत, भाजपा जिला अध्यक्ष अल्मोड़ा रमेश बहुगुणा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना, डॉ. कुलदीप मर्तोलिया, सीएमएस कोरोनेशन अस्पताल डॉ. शिखा जंगपांगी सहित आष्युमान भारत योजना से जुड़े विभिन्न अस्पतालों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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कार्याशाला में मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने आष्युमान भारत डिजिटल मिशन के तहत बेहतर कार्य करने के लिये एम्स ऋषिकेश, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट एवं राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार एबीडीएम के तहत बेहतर कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं कार्मिकों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें टिहरी से डॉ0 अभिलाषा, एम्स ़ऋषिकेश से कमल जुयाल तथा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से अमित अग्रवाल, विनोद नैनवाल एवं प्रणव शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।