देहरादून। भाजपा ने कांग्रेसी यात्रा को राजनैतिक करार देते हुए, केदारनाथ उपचुनाव में लाभ लेने की कोशिश बताया। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसे बाबा केदार के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश बताया। साथ ही तंज किया कि देवभूमि की जनता ऐसे चुनावी हिंदुओं को बखूबी पहचानती है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिटो केदार एवं एल्बम निर्माण पर जनता की गाढ़ी कमाई लुटाने वाले अब केदार बचाने निकले हैं। पहले उन्हें अपनी सरकार में धाम के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का जवाब देना चाहिए।
केदारनाथ बचाओ यात्रा की लेकर प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्ट ने कहा, कांग्रेस का बाबा केदार की महत्ता को लेकर राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि सनातन के विषय पर बोलने का उन्हें कोई नैतिक अधिकार भी नहीं है। कांग्रेस ने अपनी सरकारों में श्री केदार समेत चारों धामों एवं प्रदेश के पावन स्थलों के विकास को लेकर कभी भी कोई काम नहीं किया। जो आज श्री केदार धाम के सम्मान एवं महत्व की रक्षा की बात करते हैं, उनकी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और तत्कालीन मंदिर समिति अध्यक्ष गोदियाल को बाबा केदार के गर्भ गृह में जूतों के साथ प्रवेश करने का पाप करते सबने देखा है। समिति के बजट को उन्होंने अपनी विधानसभा के वोटरों को साधने लिए खर्च किया। वहीं जब आपदा के बाद समूची केदार घाटी में दुखों का पहाड़ टूटा हुआ था तो पूर्व सीएम हरदा वहां कैलाश खेर से एल्बम बनाने एवं संगीत उत्सव मनाने में पैसे लुटा रहे थे । उनकी शह पर हिटो केदार के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाले अब केदार बचाने निकले हैं। पहले उन्हें अपने केदारनाथ के पूर्व विधायक को हिटो केदार यात्रा के लिए दिए 25 लाख का हिसाब देना चाहिए।
उन्होंने यात्रा को अराजनैतिक बताने के कांग्रेसी बयान पर भी कटाक्ष किया कि किसी राजनैतिक पार्टी की यात्रा या अभियान, अराजनैतिक कैसे हो सकता है। कांग्रेस को यह गलतफहमी कैसे हो गई कि वे दुनिया को बचाने वाले भगवान भोलेनाथ को बचाने का दावा कर रहे हैं । उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि इस यात्रा का असल मकसद क्या है ? जबकि सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से सभी तरह के धाम नाम से बनने वाली संस्था एवं समिति के गठन पर रोक लगा दी है और दुनिया में कोई भी भगवान के धामों की महत्ता को कम नहीं कर सकता है। प्रत्येक देवभूमिवासी उनकी दोगली राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ है। ये प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करते हैं और मंदिर निर्माण में भी बाधा बनते हैं। ये सनातन के नाश की बात भी करते हैं और उसके ग्रंथों एवं पावन स्थलों पर सवाल भी खड़ा करते हैं। संसद में राहुल गांधी, भगवान शिव की फोटो लहराकर और उनके प्रवक्ता जेब में फोटो रखकर भोलेनाथ का अपमान करते हैं। वहीं उत्तराखंड कांग्रेस के नेता श्री केदार धाम के सम्मान की आड़ में यात्रा निकलने का ढोंग कर रहे है। उनकी उत्तराखंड में निकाली गई पिछली सभी यात्राओं की तरह यह यात्रा भी पूरी तरह फ्लॉप होने वाली है।