देहरादून। भाजपा ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर नसीहत देते हुए कहा कि वह फरेब और आडंबर से बाहर निकलकर सच को स्वीकार करे और सच यह है कि कांग्रेस के युवराज ने देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करने मे मर्यादा की सारी सीमा लाँघ दी। इस कृत्य के बावजूद पश्चाताप के बजाय धरना प्रदर्शन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा के विरोध को अपने चेहरे को ढकने का असफल प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि देश दुनिया ने देखा कि राहुल गांधी मोदी विरोध करते करते राष्ट्र विरोध की सभी सीमाओं को लांघ गए हैं। ऐसे में उन्हें बजाय विरोध करने के, उन्हें अपने नेता के बयानों पर शर्मिंदा होना चाहिए।
भट्ट ने कांग्रेस से उनके आज हुए प्रदर्शन पर सवाल करते हुए कहा, उस व्यक्ति को राष्ट्र विरोधी नहीं तो क्या कहेंगे जो लंबे समय से सांसद हो और कई राज्यों में उनकी पार्टी की सरकारें हों और वही व्यक्ति विदेश में जाकर कहता हो कि भारत में लोकतंत्र, न्यायपालिका संसद सभी संवैधानिक संस्थाएं समाप्त हो गयी है । इतना ही अमेरिका व यूरोप के देशों को लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आने की प्रार्थना करता हो । जो देश के सबसे ज्यादा बोलने वाला विपक्षी नेता हो और यह बात और है कि अधिकांशतया अनर्गल व अनर्थक बात कहे। यह अफसोसजनक है कि वही विदेश जाकर साबित करने की कोशिश करें कि हमें संसद में और बाहर बोलने नहीं दिया जाता है। हमारे माइक बंद किये जाते हैं जबकि कैमरे पर सबने उन्हें हमेशा सदन में भाषण देते देखा होगा । देश को बदनाम करने की मंशा से इस तरह का सफेद झूठ बोलते व्यक्ति को राष्ट्रभक्त कैसे कहा जा सकता है । वह राष्ट्र विरोधी नही तो उन्हे क्या संज्ञा दी जाए। वह कहते है कि हम लंदन एवं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में तो अपनी बात रख सकते हैं लेकिन भारत की यूनिवर्सिटी में नहीं। जबकि सच्चाई यह है कि वह युवाओं और देशवासियों की नजरों में गैरजिम्मेदार राजनेता और विचारविहीन वक्ता है और इसीलिए कोई बेवजह उन्हें सुनना नही चाहता है। जबकि अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों में तो वह यूनिवर्सिटी कैंपस में ही संवाद करते नजर आते थे।
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा, विदेशी यूनिवर्सिटी में भी उनको विद्धता के चलते नही बुलाया जाता है बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राजनेता के तौर पर बुलाया जाता है और आप वहां पर उसी लोकतंत्र का अपमान करते है। जो लोग भारत को नफरत का बाजार बताकर प्यार की दुकान खोलने का झूठा दावा करते हों, आज वही लोग विश्व के सबसे लोकप्रिय राजनेता नरेंद्र मोदी से घृणा के चलते विदेशों में जाकर 130 करोड़ देशवासियों के खिलाफअपनी नफरत की दुकान खोल रहे हैं। इस सबसे अधिक खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण इस देश को बदनाम करने वाली टूलकिट 2 साजिश की टाइमिंग है। यह सब ठीक उस समय किया जा रहा है जब देश ळ 20 के गौरवशाली एवं ऐतिहासिक चरणों को जी रहा है, जब पूरी दुनिया की निगाहें इस बैठक के माध्यम से विश्व समस्याओं के हल को लेकर लगे है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नेता राष्ट्र विरोध और राष्ट्र अपमान में बयानबाजी करते रहो और उसपर हम उन्हें जब राष्ट्रविरोधी कहे तो बजाय गलती मानने के विरोध प्रदर्शन करें इससे शर्मनाक कुछ और नही हो सकता है।