देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय ने को राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह बड़े उत्साह के साथ मनाया। यह कार्यक्रम आरोग्य क्लब और एसोसिएशन ऑफ फार्मेसी टीचर्स ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका इस वर्ष का विषय था, “स्वास्थ्य के बारे में सोचें, फार्मेसी के बारे में सोचें।” कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जी. रघुरामा और स्कूल ऑफ फार्मेसी एंड फार्मास्युटिकल साइंसेज के डीन प्रो. जी.टी. कुलकर्णी के उद्घाटन भाषण से हुई। प्रो. रघुरामा ने समाज में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य में उनके योगदान को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एक रैली थी, जो डीआईटी विश्वविद्यालय से शुरू होकर सलंगांव तक गई। रैली के दौरान छात्रों ने ग्राम प्रधान आरती सिंह और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. भंडारी सहित स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत की। श्रीमती सिंह और डॉ. भंडारी ने सड़क सुरक्षा पर उपयोगी सुझाव दिए, वहीं छात्रों ने ग्रामीणों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में फार्मासिस्टों की भूमिका और सड़क सुरक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाई। कार्यक्रम के तहत, डॉ. मंदीप कुमार अरोड़ा ने तिब्बती होम स्कूल में एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को फार्मेसी स्नातक की पढ़ाई के बाद मिलने वाले करियर के विविध अवसरों के बारे में जानकारी दी, जिससे कई युवा छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा मिली।
भाग लेने वालों को फार्मेसी विभाग का दौरा करने का अवसर भी मिला, जहां उन्होंने अत्याधुनिक सुविधाओं का अनुभव किया और फार्मेसी के क्षेत्र की गहराई से समझ हासिल की।
कार्यक्रम का समापन दिन भर की गतिविधियों पर विचार-विमर्श के साथ हुआ, जिसने फार्मेसी पेशे और इसके सामाजिक प्रभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाई। आयोजन सचिव डॉ. राजीव कुमार शर्मा ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। इस आयोजन के माध्यम से, डीआईटी विश्वविद्यालय ने फार्मेसी को सार्वजनिक स्वास्थ्य की आधारशिला के रूप में बढ़ावा देने और भविष्य के फार्मासिस्टों को समाज पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।